
कभी-कभी दिल करता है की अपनी एक तस्वीर खींच कर भेजूँ तुम्हें और पूछूं तुमसे कि तुम्हें मेरी आँखें कैसी लगती हैं ? तुम एक लंबा सा जवाब लिख कर भेजो जिसे मैं बार-बार पढ़ूँ और अपनी ही आँखों से प्यार कर बैठूँ । मगर फिर डर लगता है कि जो आँखें मैं अकसर फेर लिया करता था या पलकों के पीछे छिपा लिया करता था जब तुम उनमें झांक कर मेरी गहराइयों में उतरने की कोशिश किया करती थीं । उन्हें मैं तस्वीर में कैसे छिपाऊंगा? कहीं तुम मेरी आँखों में वो सब ना पढ़ लो जो मैं कभी तुमसे कह नहीं पाया, कहीं तुम उन बूंदों को भी ना तलाश लो जो आंखों के किनारे अकसर उतर आती थीं जब तुम भविष्य में हमारे साथ ना होने का ज़िक्र किया करती थीं और मैं अपने किसी बचकाने मज़ाक से तुम्हारा ध्यान भटका दिया करता था। सच तो यह है कि मैं खुद भाग जाना चाहता था उन बातों से, छिप जाना चाहता था उस वर्तमान के पीछे जो तुम्हारे साथ था। जिसमें तुम थीं, मैं था और हम दोनों का एक बेनाम, अंजान सा रिश्ता, जिसे हमने कभी ना नाम देने की कोशिश की ना समझने की ।
मैं अब तक समझ नहीं पाया हूँ कि उस रिश्ते को कहते क्या हैं जो दो इनसानों को खामोशी के बंधन से बाँध उन्हें अपेक्षाओं के समुंदर से कहीं दूर ले जाता है। छोटी सी एक पहाड़ी के ऊपर जहाँ बैठ दोनों नीचे फैले अथाह समुंदर के छोर पर लाल सूरज को ताकते रहते हैं। जैसे समुंदर का कोई अस्तित्व ही ना हो। वो समुंदर जिससे पूरी दुनिया उबर नहीं पा रही है। दिन प्रतिदिन उसमें डुबकी लगाती या तो उसे पार कर जाना चाहती या उसी में डूब किनारे को भूल जाना चाहती है।
अकसर लोग पूछा करते थे हमसे कि आखिर क्या है तुम दोनों के बीच, सिर्फ दोस्त तो तुम नहीं हो और प्रेमी युगल कि तरह तुम रहते नहीं तो क्या रिश्ता है तुम दोनों के बीच ? और हम एक दूसरे को देख ज़ोर से हंस दिया करते थे इस कोशिश में कि वह सवाल हमारे मन तक पहुंचे ही नहीं और फिर एकदम से चुप हो एक चोर-भरी नज़र दाल लिया करते थे एक दूसरे के चेहरे पर। क्षण भर के लिए नज़रें मिलती थीं और फिर पलकें तुरंत झपक कर उस संपर्क को तोड़ दिया करती थीं। ख्यालों के उठते एक समुंदर को एक घूँट में सुखा, हम लौट आते थे हम अपनी उसी पहाड़ी पर जहां अपेक्षाओं के समुंदर का कोई अस्तित्व ही नहीं था। केवल एक चमकता सूरज था, वर्तमान का सूरज और खामोश बैठे उस सूरज की लाल रौशनी में चमकती एक नाव को ताकते हम दोनों।
Beautifully written!
LikeLike
Thank you Akanksha 🙂
LikeLiked by 1 person