कुछ बिखर रहा है शायद,
जो था कल तक संजोया,
वो सब अस्त व्यस्त हो रहा है,
दिमाग़ कहता है हाथ बढ़ा,
और समेट ले इस बिखरते हुए को,
मगर दिल कहता है
छूट जाने दे हर जकड़े हुए को,
Journey ought to be better than destination
कुछ बिखर रहा है शायद,
जो था कल तक संजोया,
वो सब अस्त व्यस्त हो रहा है,
दिमाग़ कहता है हाथ बढ़ा,
और समेट ले इस बिखरते हुए को,
मगर दिल कहता है
छूट जाने दे हर जकड़े हुए को,