प्रकृति का संगीत उत्सव

अब असंख्य बादल पानी बरसाए जा रहे हैं,
संगीत निरंतर बज रहा है,
झींगूर नाचे जा रहे हैं,
मेंढक टर टरा रहे हैं, 
धरती भी झूम उठी है,
महसूस  होता है,
प्रकृति आज संगीत उत्सव मना रही है,